200+ Best Maut Shayari in Hindi 2025
Maut Shayari in Hindi: मौत वह सच्चाई है जिसे हर मनुष्य का जीवन समाप्ति की ओर ले जाता है, लेकिन इसके साथ ही यह जीवन की वास्तविकता और अनिश्चितता का भी प्रतीक है। शायरी के माध्यम से मौत की अजीब अनुभूति, उस अनजान मंजिल का जिक्र, और जीवन के अस्थायीपन का बिंब आज भी दिलों को छू जाता है। जैसे ही हम इन वज्नों में मौत की बात करते हैं, हमारे दिलों में उस दुनिया का ख्याल आता है जो हमें डराती भी है और सुकून भी देती है। मौत का सामना जो भी करता है, उसकी आत्मा को चाहे वह कितना भी दूर हो, उसकी यादें और मजबूत बन जाती हैं।
आइए, इस पोस्ट में हम ऐसी ही मौट शायरी, गहरी सोच और भावनाओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं, जो जीवन और मौत के बंधन को शब्दों में समेटे हुए हैं।
Maut Shayari
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे !
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया !
वो अगर आ ना सके मौत ही आई होती
हिजर में कोई तो गम-खार हमारा होता !
अब तलक हम मुन्तजिर हैं जिनके
उनको हमारा ख्याल तक न आया
उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी
और उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया !
वो इतना रोई मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए
मैं मरता ही क्यूँ? अगर वो थोड़ा रो देती मुझे पाने के लिए !
Maut Shayari in Hindi
कोई नहीं आएगा मेरी ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता !
कर देना माफ अगर दुखाया हो कभी दिल आपका
क्या पता कब कफन में मिले ये दोस्त आपका !
दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया !
वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन
फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे !
ज़िंदगी के सफ़र की मंज़िल है मौत
मिलती है ज़िंदगी तो आती है मौत
हंसना है ज़िंदगी तो रोना है मौत
चलना है ज़िंदगी तो रुकना है मौत !
Kafan Maut Shayari
वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं
ज़ख्म और दर्द तोहफे में भिजवाए हैं
इस से बढ़कर वफ़ा कि मिसाल क्या होगी
मौत से पहले कफ़न का सामान ले आये हैं !
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें
आकर वो पास सारा दिन रोते रहे
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो
कफ़न में आँखें बंद करके सोते रहे !
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं
क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही !
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता
किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को
क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता !
इस से कह दो मेरी मय्यत पे न आए अब वो
आखिरी वक्त कोई इस की अनायत न रहे !
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Dard Maut Shayari
अब मौत से कह दो नाराजगी खत्म कर ले
वो बदल गया है जिसके लिए हम जिंदा थे !
लम्हा लम्हा सांसें ख़त्म हो रही हैं
जिंदगी मौत के आगोश में सो रही है
उस बेवफा से न पूछो मेरी मौत के वजह
वही तो कातिल है दिखाने को रो रही है !
इश्क कहता है मुझे एक बार कर के देख
तुझे मौत से ना मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना !
खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से
खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में !
पहले ज़िंदगी छीन ली मुझसे
अब मेरी मौत का फायदा उठाती है
मेरी कब्र पे फूल चड़ाने के बहाने
वो किसी और से मिलने आती है !
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Maut Ki Shayari
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं
चिराग यादों के जलाये बैठे है
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं !
कितना दिल फरेब होगा वो मेरी मौत का मंज़र
मुझे ठुकराने वाले मेरे लिए आँसू बहायेंगे !
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले
आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता !
हादसे हो रहे है, होने दो
मैं थक गया हूँ, बस अब हमेशा के लिए सोने दो !
छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर
हो जाओ जब जिंदा तो खबर कर देना !
Maut Par Shayari
उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी
बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है !
हम जान फिदा करते, अगर वादा वफ़ा होता
मरना ही मुकद्दर था, वो आते तो क्या होता?
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं
तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं !
तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है !
तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िंदगी मैंने
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे !
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Sad Maut Shayari
सुना है तुम लकीरें देखने का हुनर रखते हो
हाथ देख कर बताना कि पहले तुम आओगे या मौत !
दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता
चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता
आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता !
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई
मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई
कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई !
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए
सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए
कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो
आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए !
तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको
मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है !
Maut Shayari Hindi
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो
जिंदगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो !
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया !
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे !
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो !
क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाए क्यूँ !
Zindagi Maut Shayari
ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया !
जो लोग मौत को जालिम करार देते हैं
खुदा मिलाये उन्हें ज़िन्दगी के मारों से !
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है
ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए !
क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा
दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा
आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ
मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा !
पल पल सांसें ख़तम हो रही हैं
ज़िंदगी मौत से गले मिल रही है
ना पूछो वजह मेरी मौत की उस बेवफा से
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है !
Maut Shayari 2 Line
मौत उस की है करे जिस का ज़माना अफ़्सोस
यूँ तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए !
मौत आये तो दिन बदलें शायद
ज़िंदगी ने तो मार ही डाला है !
मौत से क्यो डरे ये तो एक कहानी है
जीवन के बाद की बस एक रवानी है !
ज़िंदगी से तो ख़ैर शिकवा था
मुद्दतों मौत ने भी तरसाया !
मौत से पहले भी एक मौत होती है
देखो तुम किसी अपने से जुदा होकर !
Meri Maut Shayari
कल रात भर मुझे हिचकियाँ आती रहीं
ख्वाब मेरी मौत का उनको भी आया होगा !
मेरी मौत पर भी उसकी आँखों में आँसू न थे
उसे शक था कि मुझ में अब भी जान बाकी है !
ये जो मेरी मौत पर रो रहे है
अभी उठ जाऊँ तो जीने नहीं देंगे !
मेरी ज़िन्दगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए !
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी
पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी !
Maut Shayari in English
jahar peene se kahan maut aati hai
Marzi khuda ki bhi chaahie maut ke lie.
Mil jaenge kuch hamari bhi tareef karne wale
Koi hamari maut ki afvaah to udao yaaron.
Ae ajal tujhase yah kaisee naadaani hui
Phool vo toda chaman bhar mein veeraani hui.
Had to ye hai ki maut bhi takti hai door se
Usko bhi intajaar meri khudkushi ka hai.
Na maut aati hai na koi dava lagti hai ae khuda
Na jaane usane ishk mein kaun sa jahar milaya tha.