200+ Best Zindagi Dard Bhari Shayari in Hindi

Zindagi Dard Bhari Shayari: ज़िंदगी की राहों में अक्सर हम ऐसी मंज़िलों से गुज़रते हैं जहाँ दर्द हमारा साथी बन जाता है। ये दर्द न सिर्फ़ हमारे अनुभवों का हिस्सा होता है, बल्कि हमारे एहसासों की भड़कती हुई ज्वाला भी है। जब दिल टूटा, तो हर दर्द ने हमें उस कशिश का एहसास दिलाया कि कैसे जिंदगी कभी-कभी इतनी कड़वी हो जाती है कि उसके साथ जीना भी एक जंग बन जाता है।
आज हम अपने इस पोस्ट में दर्द भरी शायरी के जरिए, उन अनकहे जज़बातों और टूटे हुए दिल की आवाज़ को अभिव्यक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। चलिए, इस दर्द की कहानियों में डूबते हुए, अपनी रूह को इस तन्हाई के सफर का साथी बनाते हैं।
Zindagi Dard Bhari Shayari

लोग हमें कहते है हम मुस्कुराते बहुत हैं
इस दर्द भरी जिंदगी में गम भी छुपाते बहुत हैं !
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है !
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया !
सोचा ही नहीं था, जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे
रोना भी ज़रूरी होगा, और आंसू भी छिपाने होंगे !
ना आंसूओं से छलकते हैं
ना काग़ज़ पर उतरते हैं
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस
भीतर ही भीतर पलते हैं !
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई में मर जाने को जी चाहता है !
मोहब्बत इतनी थी कि उनको बताई ना गयी
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई ना गयी !
यूँ सजा न दे मुझे बेकसूर हूँ मैं
अपना ले मुझे गमों से चूर हूँ मैं
तू छोड़ गई हो गया मैं पागल
और लोग कहते है बड़ा मगरूर हूँ मैं !
तन्हा सफर में अकेले चलते जा रहा हूं
तेरी यादों के सहारे जिए जा रहा हूं !
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे
तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे !
Rishte Zindagi Dard Bhari Shayari

सच जान लो अलग होने से पहले
सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले
सोच लेना मुझे भुलने से पहले
रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले !
हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस
एक शख्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया !
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला !
कौन कहता है नफरतों मैं दर्द होता है
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है !
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी
हुई हर एक निशानी
अब चाहे वो दिल का दर्द हो या
आँखों का पानी !
Sad Zindagi Dard Bhari Shayari

तेरी याद में हर रात उदास रहती है
चाँदनी भी जैसे दर्द में लिपटी रहती है
तू नहीं है तो कुछ भी नहीं है बाकी
ये खाली खाली सी रातें बस गवाह रहती हैं !
तेरे चले जाने के बाद इतने गम मिले की
तेरे जाने का गम भी याद ना रहा !
अनजाने में ही सही, एक नेक काम करते रहे
उनको करते रहे आबाद, खुद को बर्बाद करते रहे !
ना मेरा दिल बुरा था, ना उसमे कोई बुराई थी
बस नसीब का खेल है, क्योंकि किस्मत में जुदाई थी !
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता !
Shayari Dard Bhari Zindagi Hindi

कभी अपनों को भूलाना ना आया
किसी के दिल को दुखाना ना आया
दुसरो की याद में तड़फन्ना तो सिख लिया
अपनी यादो में किसी को तड़फ़ाना ना आया !
हाथ रख रख के वो सीने पे किसी का कहना
दिल से दर्द उठता है पहले कि जिगर से पहले !
ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दूँ ज़माने से दास्तान अपनी
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ !
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी
बेवफ़ा मैंने तुझको भुलाया नही अभी !
जानता था के बिछड़ोगे पर इतना गम नहीं होता
मौत से पहले ही बिछड़ना मोत से कम नहीं होता !
Dard Bhari Zindagi Shayari

जुबान खामोश और आँखों में नमी होगी
यही बस मेरी दास्तान ए ज़िंदगी होगी
भरने को तो हर ज़ख्म भर जायेगा लेकिन
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी !
तुम क्या जानो मैं खुद से शर्मिंदा हूं
छूट गया है साथ तुम्हारा, फिर भी जिंदा हु !
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा
न चुभेगा, न दिखेगा, बस महसूस होगा !
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते !
प्यार में जब दर्द ये दिल को सताने लगा
अंधेरों में भी उसका चेहरा नज़र आने लगा !
Dukh Zindagi Dard Bhari Shayari

जो नजर से गुजर जाया करते हैं
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं !
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी
हर कोई मकसद का तलबगार मिला !
दुआ करना दम भी उसी तरह निकले
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले !
उसने दर्द इतना दिया कि सहा ना गया
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न गया
आज भी रोती हूं उसे दूर देख के
लेकिन दर्द देने वाले से यह कहा ना गया !
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया !